Haryana Agri Crop Residue In-Situ & Ex-Situ Managment फसल अवेशष प्रबंधन @ रूपये 1000 प्रति अकड

हरियाना सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए फसल अवेशष प्रबंधन के लिए Paddy Crop Residue Managment योजना शुरू की है, इस योजना के तहत किसानों को अपनी फसल को जलाने की वजाये इसकी In-Situ & Ex-Situ प्रणाली के तहत इसका अच्छे से प्रबंधन करना है. जिससे किसनो को 1000 रूपये प्रति अकड प्रोहत्सान राशी सीधे किसान के अकाउंट में डाली जाएगी.

इस योजना से किसान को आर्थिक सहायता मिलेगी और प्राक्रतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ साथ पोषण सम्बन्धी आवश्यकताओं को भी पूरा करने में भी मदद मिलेगी. इस योजनां का लाभ लेने की लिए किसान को www.agriharyana.gov.in पर पंजीकरण करना अनिवार्य है.

Haryana Agri Crop Residue की महत्वपूर्ण तिथि

जो किसान भाई इस योजना का लाभ लेना चाहता है उसको सबसे पहले तो मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण करना जरूरी है. आपने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर धान का जितने अकड का पंजिकारना कर रखा है, उसी के हिसाब से आप इस योजना का पंजीकरण कर सकते हो, जिसकी शुरुआत 20 सितम्बर 2024 से शुरू हो चुकी है और इसके पंजीकरण की अंतिम तिथि 08 December 2024 है

  • फार्म भरने की आरम्भ तिथि : 20-09-2024
  • फॉर्म भरने की अंतिम तिथि : 08-12-2024

Haryana Agri Crop Residue लाभ राशी

इस योजना का मुख्य उदेश्य पर्यावरण संरक्षण को बढावा देना है इसलिए सरकार किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे DBT के माधयम से 2100 रूपये प्रति अकड के हिसाब से किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रान्सफर कर रही है, ताकि किसान धान के अवशेषों को जलाने की बजाये उसको इन-सीटू या एक्स-सीटू प्रणाली के माध्यम से उनका उचित प्रबंधन कर सके. इस प्रकार इस योजना से किसानो को प्रति अकड 2100 रूपये की आर्थिक सहायता प्रधान की जाती है.

एक्स-सीटू प्रणाली क्या होती है ?

एक्स-सीटू का मतलब किसी जैविक विविधता के घटक को उसके प्राक्रतिक आवास से बाहर संरक्षित करना है इस प्रणाली के अंतर्ग्रत धान के शेष बचे अवशेषों को बेलन के द्वारा उनके गिठे बनाये जाते है और उनको किसी सुरक्षित स्थान पर इकठा किया है. इन इकठे किये गये गिठो को आगे किसी प्रयोग में लाया जाता है.

इन-सीटू प्रणाली क्या होती है ?

इन-सीटू का मतलब किसी जैविक विविधता के घटक को उसके प्राक्रतिक आवास से बाहर संरक्षित करना है. इस प्रणाली के अंतर्ग्रत बहुत सारे किसान धान के बचे अवशेषों को किसी कीटनाशक दवाई का इस्तमाल करके उसको खेत में ही नष्ट किया जाता. कुछ किसान धान के बचे अवशेषों को न जलाते है और ना ही नस्ट करते है बल्कि उन अवशेषों के साथ ही गेहू की या अन्य फसल की सुपर सीडर या अन्य मिशिनों की सहायता से बिजाई कर देते है.

Haryana Agri Crop Residue के लाभ

इस योजना से सरकार और किसान दोनों को लाभ होता है. जहाँ एक और सरकार स्वस्थ पर्यावरण को बढावा देती है तो दूसरी और किसान को आर्थिक सहायता के साथ साथ उच्च तकनीक वाली मशीनरी पर देती है

  • स्वस्थ पर्यावरण को बढावा मिलता है.
  • किसान को आर्थिक सहायता के रूप में 1000 प्रति अकड मिलता है
  • किसान का खेत जुताई का खर्चा बचाता है.
  • अच्छी तकनीक वाली मशीनरी को बढावा मिलता है
  • गैस या अन्य फैक्ट्री को सस्तें धामों पर कच्चा मटेरियल मिलता है
  • इस योजना से गैस या अन्य फक्ट्रियों को बढावा मिलता है
  • बहुत सारे लोगों को रोजगार के अवसर प्रधान होते है.

Haryana Agri Crop Residue के उदेश्य

इस योजना का मुख्य उदेश्य तो किसी भी प्रकार से पर्यावरण को सुरक्षित करना है, धान के अवशेषों को जलाने से वायु प्रदुषण एक खतरनाक लेवल पर पहुँच जाता है जो इन्सान के साथ साथ अन्य प्राणीओ के लिए भी समस्या का विषय बना हुवा है. इस योजना के कुछ अन्य उदेश्य भी है जो इस प्रकार से है.

  • पर्यावरण को सुरक्षित करना
  • टेक्नोलॉजी को बढावा देना
  • किसान की आमदनी को बढाना
  • नई फैक्ट्री को स्थापित करना
  • रोजगार के अवसर देना
  • हरित क्रांति के सपने को साकार करना.

Haryana Agri Crop Residue के लिए जरूरी दस्तावेज

इस योजना का लाभ लेने की लिए आपके ये सभी दस्तावेज होने जरूरी है

  • मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर धान 2024 का पंजीकरण होना चाहिए
  • जिस मोबाइल नंबर पर आपने मेरी फसल मेरा ब्यौरा का पंजीकरण करवा रखा है वो आपके पास होना चाहिए
  • इस योजना का फॉर्म अप्लाई करने के बाद आपको कुछ दस्तावेज सरकारी जाँच अधिकारी को देने होते है जैसे आवेदनकर्ता का आधार कार्ड, बैंक अकाउंट, pan कार्ड, एक इस योजना का कार्य करवाते समय का लोकेशन के साथ का फोटो, और इस फॉर्म पर जिस एजेंसी ने आपका कार्य किया है उसका स्टाम्प सहित ब्यौरा.

Haryana Agri Crop Residue के लिए आवेदन कैसे करे ?

इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको इसका आवेदन ऑनलाइन पोर्टल के माधयम से किया जाता है. सबसे पहले आपको agriharyana की ऑफिसियल वेबसाइट पर आ जाना है, और फिर ये स्टेप फॉलो करने है

  • सबसे पहले आपको इसकी ऑफिसियल वेबसाइट agriharyana.gov.in पर जाना है.
  • अब आपके सामने इसकी होम मेनू में Farmer Corner पर apply for agriculture Scheme क्लिक करना है.
  • अब आपको Crop Residue Management के सामने view पर क्लिक करना है
  • अब अगला पेज खुल जायेगा और इस पेज पर क्लिक हेयर फॉर रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करना है
  • अब आपको अपनी फॅमिली आईडी या आधार कार्ड से अपनी फॅमिली डिटेल सर्च कर लेनी है
  • आपने जिस व्यक्ति के नाम से मेरी फसल मेरा ब्योर का पंजीकरण कर रखा है उसको सेलेक्ट कर लेना है और वेरीफाई मेम्बर कर देना है.
  • अब आपके सामने आपकी डिटेल जैसे नाम बैंक आदि दिखाई देगा उसको अच्छे से देख कर नेक्स्ट कर देना है
  • अब आपने फसल अवशेष का तरीका चुनना है जैसे : यदि आपने बेल (गांठे) बनवाई है तो आपको एक्स-सीटू को सेलेक्ट करना है और आपने सुपर सीडर की सहायता से गेहू या अन्य फसल की बिजाई करवाई है तो इन-सीटू को सेलेक्ट करना है और यदि आपने ये दोनों काम किये है तो both को सेलेक्ट करना है
  • अब आपके सामने आपके द्वारा करवाया गया पंजीकरण दिखाई देगा, उसमे से एक एक किला को सेलेक्ट करके उसका बयार दर्ज करना है
  • फाइनल में आपको इसको फाइनल सबमिट करके इसका प्रिंट आउट ले लेना है.

पराली योजना की अंतिम तिथि क्या है ?

इस योजना की अंतिम तिथि 30 नवम्बर 2024.

पराली योजना का फॉर्म कैसे भरे ?

इस योजना का फॉर्म ऑनलाइन पोर्टल के द्वारा भरा जाना है.

पराली योजना में 1 अकड के कितने रूपये मिलते है ?

इस योजना में 1000 रूपये प्रति अकड मिलते है.

पराली योजना के लिए जरूरी दस्तावेज क्या है ?

इस योजना का फॉर्म भरने के लिए सबसे जरूरी दस्तावेज मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर धान 2024 के लिए पंजीकरण करना है.

पराली योजना में अधिकतम कितने अकड के लिए फॉर्म भर सकते है

इस योजना में आप उतने ही अकड के लिए फॉर्म भर सकते हो जितने अकड का आपना धान 2024 फसल पंजिकारना के लिए धान की फसल का पंजीकरण किया हुवा है

पराली योजना का फॉर्म भरने का लिंक कोनसा है ?

इस योजना का लिंक आपको agriharyana.gov.in पर मिलेगा या आप इस लिंक से भी अप्लाई कर सकते हो.

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